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हद है साहब… आंवला के पौधे खरीदे वो भी 2152 प्रति नग के हिसाब से

दंतेवाड़ा। हर्बल पार्क को वन विभाग ने वन मंदिर का नाम दिया है और इसी वन मंदिर में विभाग ने पौधे खरीदी के नाम पर करोड़ों रूपए का घोटाला कर दिया। ऐसे पौधे जो वन विभाग वृक्षारोपण दिवस पर खुद आम नागरिकों को उपलब्ध कराता है वही पौधे बाजार मूल्य से कहीं अधिक दामों पर वन मंदिर के लिए वन विभाग ने खरीदी किया है। पातररास में वन विभाग द्वारा ही संचालित पौधरोपण की एक जगह है। जहां विभाग विभिन्न प्रकार के बीज डालकर पौधे उगाने का कार्य करता है। विभागीय सूत्रों ने बताया कि अगर कहीं ज्यादा मात्रा में पौधे लगाने हो तो यहां कार्यरत स्व सहायता समूह के माध्यम से बीज डालकर पौधे लगाए जाते हैं। पातररास के इस पौध रोपण संस्था में आंवले, गेंदा, गुलाब, अशोक सहित अन्य पौधों की बहुतायत है। वन विभाग के पास जब पौधे उपलब्ध है तो बाहर से पौधे खरीदने का बात समझ से परे है।

तुलसी, बरगद, आंवला और दूब में खेल
वन मंदिर में लगने वाले तुलसी, बरगद व आंवले में विभाग ने बड़ा खेल किया है। बरगद का पौधा जो बाजार में आसानी से २०० रूपए में मिल जाता है उसे विभाग ने करीब 2560 रूपए में खरीदा है। आंवले को 2152 प्रति नग के हिसाब से विभाग ने खरीदी की है। हद तो तब हो गई जब विभाग ने तुलसी जैसे पवित्र पौधे को भी नहीं छोड़ा उसे भी 560 रूपए की दर से खरीदा है। वहीं दूब जो पार्क के के बाहर बड़ी संख्या में उगे हुए हैं उसे विभाग ने 823 और 360 रूपए में क्रय किया है।

हर्बल पार्क में पानी हो रहा जमा
उबड़-खाबड़ टाईल्स लगाने की वजह से अब पार्क में पानी जमा हो लगा है। काम जल्द पूरा करने के चक्कर में विभाग ने लेवलिंग का बिल्कुल ध्यान नहीं रखा है जिससे भ्रष्ट्राचार की पोल खुलने लगी है।

Kavi Sinha

संपादक, द दंतेवाड़ा फाइल्स

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