दंतेवाड़ासुनी-अनसुनी

सुनी-अनसुनी (भाग-03)

अब हर सोमवार पढ़िए दंतेवाड़ा जिले से जुड़ी सुनी-अनसुनी बातें…

वरिष्ठ पत्रकार वेद प्रकाश संगम और कवि सिन्हा की कलम से…

विपक्षियों से ये कैसा खौफ
केंद्र और प्रदेश में कमल की सरकार होने की वजह से अब विपक्षी दल के नेता लगातार कमल के सानिध्य में आने को बेकरार नजर आ रहे हैं। बडी संख्या में हाथ का साथ छोड भगवामय हो चले हैं। लेकिन दक्षिण बस्तर में विपक्ष के कुछ कद्धावर नेताओं से सत्ताधारी खौफ खाने लगे हैं। आलम ये है कि उक्त विपक्षियों के सत्ताधारी पार्टी में प्रवेश की सुगबुगाहट मात्र ने कई सत्ताधारियों को सकते में डाल दिया है। आशंका है कि उक्त विपक्षियों के पार्टी प्रवेश करने से सत्ताधारियों की अपनी ही पार्टी में नही चलेगी। इसी डर से सत्ताधारियों ने यहां तक कह डाला कि उनके आने से हम चले जायेंगे। पार्टी भी भला क्या करे, विपक्ष में तो अपने ही कार्यकर्ताओं ने साथ दिया था, लिहाजा अब विपक्षियों को इंतजार कराया जा रहा है। वैसे विपक्ष के एक नेता तो अरसे से बैंलेंस बनाये हुए हैं। पूर्व में भी ये डॉ साहब के इर्द गिर्द ही ज्यादा नजर आते रहे हैं। वैसे इन्हें अपनी ही पार्टी के लोग फूल छाप कांग्रेसी कहने से भी पीछे नहीं हटे।

आधार-आईकार्ड अपडेट की जरूरत
बैलाडीला की सडक पर सफर करने वालों को अपना आधार और आईकार्ड अपडेट कराने की जरूरत है। क्योंकि यदि चेकपोस्ट पुलिस ने आपको आईकार्ड मांग लिया तो आपकी परेशानियां काफी बढ सकती है। दुपहिया वाहन में सफर करने के बाद आधार, आईकार्ड में लगी आप की फोटो और आपकी शक्ल में जमीन आसमान का अंतर आ जायेगा। ऐसे में बेहतर यही होगा कि बैलाडीला सडक पर सफर के बाद बिना मुंह धोये फोटो खिंचाकर आधार और आईकार्ड में अपडेट कर लें। या फिर सफर करने के दौरान चेंकिंग से पहले मुंह धोकर ही अपना आईकार्ड या आधार अगले के सामने पेश करें ताकि फोटो और शक्ल एक जैसी नजर आये और बेवजह होने वाली परेशानी से बच सके।

लखपति वाली रात…
दंतेवाड़ा में फागुन मंडई का समापन हो चुका है। पिछले बुधवार को मेला सम्पन्न हुआ। इस बार मेले में ऐतिहासिक भीड़ देखी गई। मेले की रात इस बार कुछ लोगों के लिए लखपति वाली रात रही। शहर में कई जगहों पर इस बार रात भर दारू बिका और पुलिस को इसकी जानकारी थी या उन्हें एक दिन के लिए छूट दी गई थी ये बात पुलिस और कोचिए ही जाने। वैसे इस बार भीड़ को नियंत्रित करने में पुलिस के पसीने छूट पर अवैध दारू की बिक्री रोकने में पुलिस नाकाम रही यह बात जग-जाहिर है.

सडक पे आ गये सडक बनाने वाले
दक्षिण बस्तर में सडक बनाने वाली एजेंसी अब सडक पे आ गयी है। दरअसल बीते कुछ सालों में इस जिले में सडकों का निर्माण बडे पैमाने पर किया गया है। निर्माण होंगे तो स्वाभाविक है, गडबडियां भी हुई होंगी।लेकिन अब इन गडबडियो ने विभाग को सडक पर ला दिया। जो अफसर अपने वातानुकूलित कक्ष से बाहर नहीं निकलते थे, उन्हें ही जांच का जिम्मा सौंपा जा रहा है । अफसर अब दफ़्तर में कम और सडक की जांच करते ज्यादा देखे जा रहे हैं। सुबह एक सड़क की जाँच का आदेश तो लंच के एक और जाँच का जिम्मा दिया जा रहा है। ऐसे में अफसर भी कहते फिर रहे है कि हम तो सडक पर आ गये हैं। वहीं दूसरी ओर इस विभाग में वर्तमान में जांच के अलावा कोई निर्माण कार्य नहीं रह गया यानी एक तरह से ये बेरोजगार हो चले है। खैर विभाग की ये हालत सडक पर आ जाने जैसी ही है।

ऐसी आपदा बार बार आये
एक दौर था, कोविड 19 का , जो आकर चला गया। इस आपदा में न जाने कितनों ने अपनों को खो दिया। ये इसका अहम पहलू है। इतर, ये भी कि इसी आपदा ने कईयों को मालामाल कर दिया। यानी, जिन लोगों ने आपदा को अवसर में बदला वो मालामाल हो गये। कोविड से निपटने जिस विभाग को जिम्मेदारी दी जाती है वो विभाग चाहता है कि ऐसी आपदा बार बार आये। दरअसल उस विभाग ने जीवन रक्षक दवाओं के नाम पर टेबल, कुर्सी, गद्दे तक खरीद डाले। खरीदी के नाम पर एक दो नहीं बल्कि पांच करोड से ज्यादा का खेला हो गया। इन कुर्सी टेबल और गद्दों से किनके जीवन की रक्षा हुई, ये आप ही अंदाजा लगाईये।

और अंत में…
फागुन मंडई में विशिष्ट लोगों की सहूलियत के लिए पास जारी किए जाते हैं। इस बार कुछ शरारती तत्वों ने उस पास के रंगीन फोटोकॉपी कर सभी में बांट दी, जिससे हर कोई पास लेकर झूला झूलने पहुँच गया। इस बात की जानकारी जब मीना बाजार के मालिक को हुई तो उन्होंने तत्काल पुलिस को इसकी जानकारी दी, जिससे पुलिस हरकत में आई और कई फर्जी पास जप्त किया। थाना प्रभारी खुद मेला स्थल पहुँच फर्जी पास जप्त करते नज़र आएं, जिससे शरारती तत्वों को अपने काम में कामयाबी नहीं मिली।

Kavi Sinha

संपादक, द दंतेवाड़ा फाइल्स

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