सुनी-अनसुनी (भाग-05)

अब हर सोमवार पढ़िए दंतेवाड़ा जिले से जुड़ी सुनी-अनसुनी बातें…
वरिष्ठ पत्रकार वेद प्रकाश संगम और कवि सिन्हा की कलम से…
छुट्टा नहीं है, तो स्कैन करो
इन दिनों ग्रामीण इलाको में अगर आप सफर कर रहे हैं, और सामने से कोई चंदा लेने वाली टीम आपको रोक लेती है तो आप छुट्टा नहीं है, का बहाना नहीं कर आगे नहीं बढ सकते। इसका तोड ग्रामीण ने ढूंढ निकाला है। ग्रामीण जिस जगह पर चंदा ले रहे वहां पेड पर एक डिजिटल पेमेंट के लिये क्यूआर कोड की प्रिंटेड कापी भी चिपका रखी है। स्कैन कीजिये और चंदा दीजिये की तर्ज पर ग्रामीण क्यूआर कोड की तरफ इशारा करने से नहीं चूकते। यानी हर हाल में आपकों चंदा तो देना ही होगा। विकल्प का चुनाव आप कीजिये।
हवा खाओ, दवा नहीं
सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों को कोसने में लोग कोई कोर कसर नहीं छोड़ते लेकिन, इन दिनों दक्षिण बस्तर के सबसे बड़े अस्पताल में पहुँचे लोग ऐसा नहीं कर रहे। कारण, यहाँ लगा एयर प्युरीफ़ायर है। इसकी ख़ुशबू लोगो को थोड़ी राहत ज़रूर दे रही पर डॉक्टरों द्वारा लिखी गई दवाइयाँ अब भी यहाँ नहीं मिल रही। मतलब हवा खाओ और स्वस्थ हो जाओ, वैसे भी शुद्ध हवा ही तो लोगो को दवाओं से दूर रखती है, इसलिए अब यहाँ भी हवा मिलेगी दवा नहीं।
डॉन की वापसी
अगर आपने डॉन मूवी देखी होगी तो डॉन का इंतजार तो 11 मुल्कों की पुलिस कर रही है, वाले डायलॉग्स आपको याद होंगे। इस फिल्म में डॉन को एक विलेन के रूप में दिखाया गया था, लेकिन इस मूवी के एक्टर से प्रभावित होकर वर्दीधारी भी खुद को डॉन बताने लगे हैं। अपने नाम के साथ प्रदेश का डॉन लिखकर भले ही कोतवाल साहब खुद को शाहरूख खान या अमिताभ बच्चन समझ रहे हो लेकिन वर्दी की छवि इससे प्रभावित भी होती है। साहब को ये भी लग रहा होगा कि उनका ये नाम देख इलाके में अपराधी खौफ खाने लगे हैं, तो ये सोचना गलत होगा क्योंकि चोरियां तो सबसे ज्यादा उन्हीं के इलाके में होती हैं। मतलब डॉन के इलाके में बहुत सारे सुपर डॉन भी रहते हैं।
अस्तित्व की लडाई
कभी महिलाओं को रोजगार देने में मामले में अव्वल स्थान पर रही फैक्ट्री आज खुद के अस्तित्व की लडाई लड रही है। कागजों में सफलताएं दिखाकर अलग अलग इलाकों में ब्रांचेस भी खोले गये। लेकिन एकमात्र ब्रांच को छोड दें तो शेष जगहों पर तालाबंदी की नौबत आ गयी। पिछले शासन में तो यहां से हर पखवाडे करोडों की कमाई होती रही, इस कमाई को देख ऐसा लगता था मानो इसे भी देश के नवरत्न कंपनियो में अगला स्थान दिया जा सकता है। अफसर बदले तो फैक्ट्री और कर्मचारियों की पूछपरख भी कम हो गयी। अब तो एकलौती फैक्ट्री को छोड शेष में झाडू तक नहीं लगता।
गर्मी छुट्टी
दंतेवाड़ा जिले में गर्मी अपने पूरे शबाब पर है। लगभग 42 डिग्री तापमान दर्ज की गई है। स्कूली बच्चों को तो छुट्टी मिल गई है और लोकसभा चुनाव भी निपट गया है। शासकीय कार्यालयों में ज्यादा कुछ काम भी नहीं बचा है, जिसका फायदा अधिकारी-कर्मचारी ले रहे हैं। मनमानी छुट्टी लेकर सभी शासकीय कर्मचारी घुम रहे हैं या घरों में आराम फरमा रहे हैं। दूर-दराज से पहुँचे ग्रामीणों को कर्मचारी आचार संहिता की बात कहकर बैरेंग ही लौटा रहे हैं।
और अंत में…
कुछ दिन पहले जिला अस्पताल में लगी पानी टंकी में काई व कीड़ा लगने की बात सामने आई थी। इस खबर के बाद जिला अस्पताल में भर्ती मरीजों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि वह ईलाज कराने आएं हैं या बीमारी बढ़ाने। पानी टंकी में काई व कीड़े की खबर लगते ही अस्पताल प्रबंधन ने तत्काल इसे संज्ञान में लिया और सफाई शुरू कर दी। इस खबर के बाद भर्ती मरीज अब अस्पताल का पानी नहीं पी रहे हैं बल्कि दूर जाकर किसी दूसरे जगह से पानी ला रहे हैं।