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बाल-गोपाल अस्पताल की तर्ज पर जिला अस्पताल का शिशु वार्ड बनेगा हाईटेक

सिविल सर्जन समेत पांच सदस्यीय टीम ने किया अवलोकन

दंतेवाड़ा। जिला अस्पताल के शिशु वार्ड व प्रसूति वार्ड को बेहतर बनाने सिविल सर्जन डॉ कपिल देव कश्यप के मार्गदर्शन में जिला अस्पताल दंतेवाड़ा की 5 सदस्यीय टीम ने बाल-गोपाल अस्पताल रायपुर पहुँची। इस टीम में सिविल सर्जन समेत बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ राजेश ध्रुव साथ ही चार स्टाफ नर्स शामिल थी। जिला अस्पताल के शिशु वार्ड को हाईटेक तकनीक से जोड़ने व बच्चों के ईलाज से संबधी बारीकियों को समझने यह प्रयास किया गया। जानकरी देते हुए सिविल सर्जन कपिल कश्यप ने बताया कि बच्चों के जन्म के बाद से ही सही ईलाज मिले साथ ही जन्मजात विकृति से छुटकारा व बच्चों को सर्व सुविधा युक्त आईसीयू मिले यह हमारा पहला लक्ष्य है। बाल गोपाल अस्पताल के अवलोकन से हमें बहुत सी नई तकनीकों के बारे में जानकारी मिली, जिससे हमें जिला अस्पताल में व्यवस्था सुधारने काफी मदद मिलेगी। टीम के वरिष्ठ सदस्य व शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ राजेश ध्रुव ने बताया कि नवजात शिशु व बड़े बच्चों को नई तकनीक से जल्द स्वस्थ करने की प्रक्रिया हमें बाल गोपाल अस्पताल रायपुर में देखने को मिली। नवजात शिशुओं के लिए एनआईसीयू व बड़े बच्चों के लिए पीआईसीयू का भी हमनें अवलोकन किया। डॉ धुव्र ने बताया कि जिला अस्पताल में स्टाफ की कमी के चलते बहुत सारे कार्य नहीं हो पाते जिससे समय पर सभी बच्चों को उचित ईलाज नहीं पाता।बाल गोपाल अस्पताल का अवलोकन कर हमारे सभी सदस्यों में नई ऊर्जा का संचार हुआ है जल्द ही नए प्लान के तहत जिला अस्पताल के शिशु वार्ड व प्रसूति वार्ड को हाईटेक करने कार्य शुरू किया जाएगा।
एमएनसीयू जिला अस्पताल की जरूरत
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ ध्रुव ने बताया कि बाल गोपाल अस्पताल एमएनसीयू वार्ड बेहतर पहल है। एमएनसीयू में माँ और बच्चे दोनों को एक साथ रखकर एक साथ ईलाज किया जा सकता है। जिला अस्पताल में इस वार्ड की जरूरत है, जहां हम माँ-बच्चे का एक साथ ईलाज कर सकतें हैं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार की पहल पर एमएनसीयू वार्ड संचालित हो रहा है।

 

Kavi Sinha

संपादक, द दंतेवाड़ा फाइल्स

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