सुनी-अनसुनी (भाग-06)

अब हर सोमवार पढ़िए दंतेवाड़ा जिले से जुड़ी सुनी-अनसुनी बातें…
वरिष्ठ पत्रकार वेद प्रकाश संगम और कवि सिन्हा की कलम से…
मशान देख मरने को मन करता
जिला मुख्यालय के शमशान को संवारने कोर कसर नहीं छोडी जा रही। इस कार्य को काफी तेजी से कराया जा रहा है। इसके ठीक सामने शाॅपिंग कांप्लेक्स भी बनाये जा रहे है। यानी ये पहला सर्वसुविधायुक्त शमशान होगा। अभी इसका निर्माण पूरा भी नहीं हुआ लेकिन इसकी सुंदर कल्पना करते लोग ये कहने से भी पीछे नहीं हट रहे कि शमशान की सुंदरता देख मरने का मन कर रहा है। और तो और अंतिम यात्रा में पहुंचने वाले रिश्तेदारों, दोस्तों का भी ध्यान रखते सामने कांप्लेक्स में कफन-दफन की सामग्री भी तो कहीं उपलब्ध नहीं करायी जायेगी। खैर शमशान को संवारने से ज्यादा ध्यान अस्पताल की सुविधाएं बढाने पर दिया जाये तो बेहतर होगा।
हरे सोने की हरियाली
इन दिनों हरे सोने का कारोबार धडल्ले से चल रहा है। इस कारोबार से संग्राहक और परिवहनकर्ताओं के साथ ही विभाग के छोटे से लेकर बडे अधिकारी तक खुश है। दीगर प्रांत के ठेकेदार हरे सोने के बदले जमकर नोट उडाते हैं। इन नोटों की बौछार कहां कहंा पडती है ये सबको पता है। अगर हरा सोना खरा नहीं हुआ तो इसे तपाया भी जाता है। वैसे अब हरे सोने की तपने की घटनाएं कम ही होने लगी हैं। मतलब हरे सोने से सारे लोग खुश है।
सरोवर का चौबीस घंटे उपयोग
शहर के हृदय स्थल में स्थित सरोवर को सुंदर बनाने लाखों रुपए खर्च किए गए। तालाब के एक और लोगों के बैठने के लिए पैगोड़ा का निर्माण भी कराया गया। स्व सहायता समूह के माध्यम से कुछ समय के लिए बोटिंग मशीन की सुविधा भी शुरू की गई थी पर सभी योजनाएँ फ़िलहाल बंद पड़ी हुई है। लेकिन अब भी इस तालाब का भरपूर उपयोग होने लगा है। सूर्यास्त तक प्रेमी युगल, सूर्यास्त के बाद सूरा प्रेमी। दिन में आप तालाब के पैगोड़ा में जोड़ो को बैठे देख सकते हैं साथ ही रात में नशेड़ियों को दारू पीते हुए भी देखा जा सकता है। वैसे जोडो और सूराप्रेमियों की लिए यहाँ का वातावरण भी अनुकूल ही जान पड़ता है। शीतल हवा और सरोवर का किनारा भला इन्हें कैसे न भाये।
ये कैसा अधिकार
ज़िले में एक बिल्डिंग ऐसी है, जिसका दूर दूर से इस पर मालिकाना हक़ रखने वाले का कोई हक़ ही नहीं है। इस बिल्डिंग और सामने की जगह का व्यावसायिक उपयोग किया जा रहा है। जंगल विभाग की मेहरबानी से संचालक इसके लिए औने पौने दाम ही देता है। ख़ास बात ये है न तो बिल्डिंग और न उसके सामने की ज़मीन जंगल विभाग की है। बावजूद इसके मालिकाना हक़ उसी विभाग का है। शर्त ये भी थी कि यहाँ स्थानीय लोगो को रोज़गार दिया जाएगा, विभाग को छोड़ बाक़ी ज़िले को यहाँ के कर्मचारी स्थानीय नज़र आते हैं। ख़ैर सबका अपना अपना नज़रिया होता है।
सुनिए जी… चलिए जगदलपुर
दंतेवाड़ा के जिला अस्पताल में सोनोग्राफी को सुविधा एक डॉक्टर के भरोसे चल रही है। अगर डॉक्टर साहब कहीं जरूरी काम से बाहर चले गए तो समझिए काम खत्म। रोज दूर-दराज से दर्जनों की संख्या में मरीज सोनोग्राफी कराने जिला अस्पताल पहुँचते हैं। डॉ साहब मिल गए तो ठीक है पर अगर नहीं मिले तो हाई कमान सीधा उनसे कहती है सुनिए जी चलिए जगदलपुर
और अंत में…
दंतेवाड़ा के मेनका डोबरा मैदान में वृंदावन वासिनी सुश्री श्रीशवरी देवी जी का 15 दिवसीय प्रवचन का शुभारंभ हो चुका है। कथा में हर दिन शाम 6.30 बजे से 8.30 तक चलती है, जिसे सुनने सैकड़ो की संख्या में श्रद्धालु पहुँच रहे हैं। वैसे भी काफी लंबे समय के बाद मेनका डोबरा मैदान में कोई बड़ा आयोजन हो रहा है, जिसका लाभ सभी जिलेवासी ले रहे हैं।