सुनी-अनसुनी

सुनी-अनसुनी (भाग-09)

अब हर सोमवार पढ़िए दंतेवाड़ा जिले से जुड़ी सुनी-अनसुनी बातें…

वरिष्ठ पत्रकार वेद प्रकाश संगम और कवि सिन्हा की कलम से…

ईवीएम बेगुनाह है
लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद अब विपक्ष ने ईवीएम को बेगुनाह साबित कर दिया है। यही वजह है कि चुनाव परिणाम के बाद ईवीएम पर दोषारोपण करने का सिलसिला टूट गया। वैसे एक्जिट पोल देख विपक्ष ईवीएम को लपेटे में लेने की योजना तो बना रहा था लेकिन ठीक उलट परिणामों ने ईवीएम को बदनाम होने से बचा लिया। लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद विपक्ष के एक भी नेता ने अब तक ईवीएम पर निशाना नहीं साधा है। मतलब विपक्ष के सारे नेताओं की चुप्पी और लोकसभा परिणाम ये साबित करते हैं कि ईवीएम बेगुनाह है।

भारी भरकम पर्यावरण दिवस
5 जून को पर्यावरण दिवस जगह जगह मनाया गया। लेकिन इस भारी भरकम पर्यावरण दिवस में पौधे लगाने से ज्यादा फोटो खिंचाने की होड लगी रही। वैसे ये पहली बार नहीं है। अब आप सोच रहे होंगे कि पर्यावरण दिवस भारी भरकम कैसे हो सकता है। चलिये ये भी बताते चलें कि आपने आसपास ही इस तरह का नजारा देखा होगा जब एक पौधे को रोपने के लिये कम से कम दर्जन भर लोग उस पौधे पर हाथ लगाते हैं, छोटा सा पौधा भला कितना भारी होगा। एक पौधा, बारह हाथ, और चैबीस कैमरे हर जगह देखने को मिले होंगे। ये बात और है फोटो खिंचाने के बाद उस पौधे कोे ओर दुबारा न तो कैमरे वाले और न हाथ लगाने वाले झांकते है। एक अच्छी बात ये भी रही कि पर्यावरण दिवस के मौके पर बारिश नहीं हुई वरना छाता ओढे पौधे को सींचने से भी लोग पीछे नहीं हटते।

मेडम की मानवता
कल दोपहर मसेनार-सातधार रोड़ के समीप खड़े लोगों के पास ट्रक पलट गई और उस ट्रक के मिट्टी में दो युवक और एक युवती दब गए। अपने दौरे कार्यक्रम से लौट रही अध्यक्ष मेडम की नज़र जब इस घटना पर पड़ी तो उन्होंने बिना समय गवाएं तत्काल अपने फोर्स के जवानों के साथ मिलकर मिट्टी में दबे हुए लोगों को निकालने में लग गई। बताया जाता है कि मेडम ने ही पूरे रेस्क्यू को बड़े ही बहादुरी से किया। घटना की जानकारी अध्यक्ष महोदया ने समीप के थाने को दी और आसपास के लोगों को इकट्ठा कर मदद की गुहार लगाई। सोशल मीडिया में वायरल वीडियों को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि घटना कितना भयावह था। इस पूरे घटना में मेडम की तत्परता और बुद्धिमानी के चलते समय रहते मिट्टी में फंसे लोग अस्पताल पहुँच सकें। मेडम ने इस घटना रेस्क्यू कर समाज मे मानवता की नई मिशाल पेश की है।

बिजली विभाग हाय-हाय
दंतेवाड़ा जिले में आने वाले एक महीने के अंदर ये नारा आपको सड़क पर सुनाई देगा। बिजली विभाग के सुस्त कार्यप्रणाली के चलते आम नागरिकों में भारी आक्रोश का माहौल है। बादल गरजने या थोड़ी बहुत हवा चलने ने नाम से घंटो बिजली बंद कर दी जाती है। कभी-कभी तो नाम मात्र की बारिश होती है और रात भर बिजली सप्लाई बंद कर दी जाती है। विभागीय सूत्रों ने बताया की बारिश से पहले ट्री कटिंग नहीं कि गई है और ना ही ब्लॉक मुख्यालयों में ट्रांसफार्मर मेंटेनेंस किया गया है जिससे आने वाले दिनों में जिले वासियों को और परेशानी बढ़ने वाली है। जिले में अचानक इमरजेंसी लाइट व इनवर्टर की खरीदी बढ़ गई है। अगर विभाग समय रहते अपने कार्य में तत्परता नहीं लाई तो बिजली हेड ऑफिस का घेराव होना निश्चित है।

चलते चलते
सरकार बदलने के बाद कुछ महीने पहले ही जोड़-तोड़ कर जिले में पुराने मंडल संयोजकों को हटा कर नए लोगों की पदस्थापना की गई थी। अब खबर आ रही है कि राजधानी से एक मण्डल संयोजक की नियुक्ति दंतेवाड़ा में की गई है। फिलहाल उसे किसी ब्लॉक का प्रभार नहीं दिया गया है पर नियम के हिसाब से जल्द ही किसी ब्लॉक का प्रभार देना ही पड़ेगा। सरकार बदलने के बाद जिन मंडल संयोजकों की नियुक्ति हुई है वह परेशान है की आगे क्या होगा। ये तो वही बात हो गई सर मुड़ाते ही ओले गिरे।

Kavi Sinha

संपादक, द दंतेवाड़ा फाइल्स

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